देवास अपराधियो में दिखने लगा खाकी वर्दी का ख़ौफ़
देवास में पुलिस अधीक्षक के पद पर बड़वानी से ट्रांसफर हो कर आए श्री पुनीत गहलोद ने ज्वाइन करने के एक माह के भीतर ही अपनी कार्यशैली से अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है। रोजाना लंबित मामलों की तह तक पहुंचकर अपराधियों को धरदबोचने के साथ ही जुए और सट्टे के उन अड्डों पर दबिश की उनकी कार्यवाही को आम जन की सराहना मिल रही है जहाँ अब तक राजनैतिक दबावों के चलते पुलिस खुद कार्यवाही करने में हिचकिचाती थी।
पुलिस अधीक्षक गहलोद ने अपनी आक्रामक पाली की शुरुआत में ही अपराधियों को अवगत करवा दिया कि कोई भी अपराध करने के पहले वे दस बार सोच लें। जिले के अलग अलग जगहों से ग़ायब हुई नाबालिक बालिकाओं को ढूंढने की कार्यवाही हो, या सोशल मीडिया और साइबर के जरिए ठगी के शिकार हुए लोगों की धन वापसी, राजनैतिक संरक्षण में अब तक चलते बेखौफ चलते जुए और सट्टे के अड्डे हों या कोई और अपराध । इन और इन जैसे दूसरे छोटे बड़े सभी मामलों में त्वरित कार्यवाही से एक तरफ जहां अपराधियों में हड़कंप मचा है वहीं आम जन में एक बार फिर पुलिस को लेकर विश्वास जगा है।
पिछले सप्ताह से फिर शुरू हुई पुलिस जनसुनवाई में भी पुलिस कप्तान ने थानों पर प्राप्त शिकायतों पर अगली जनसुनवाई तक प्रतिवेदन, निराकरण के आदेश जारी किये हैं, साथ ही अब पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की लगातार सूचना भी प्रेस वार्ता का इंतजार किए बगैर मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुँच रही है।
हालांकि अभी भी पोस्ट ऑफिस कर्मचारी से लूट और ऐसे ही कुछ बड़े मामले अनसुलझे हैँ। साथ ही शहर के कई हिस्से नशे के अड्डों के रूप में पहचाने जाते हैं। बात कैला देवी चौराहे की ही करें तो यहाँ खुलेआम हर तरह का नशा उपलब्ध है, खुलेआम नशाखोरी करते लोगों को और दादागिरी करते नाबालिगों को रोजाना देखा जा सकता है जिन पर भी अंकुश जरूरी है। साथ ही इस चौराहे पर स्थित वीरान पडी पुलिस चौकी को आबाद करने के साथ ही यहाँ के बिगड़ी यातायात पर भी अविलंब ध्यान दिए जाने की जरुरत है।
इस मुहावरे से अलग कि आगाज तो अच्छा है,अन्जाम खुदा जाने,पुलिस कप्तान के निर्देश पर की जाती रहीं कार्यवाहियों से आश्वस्त हुआ जा सकता है कि मुहावरे से अलग आगाज भी अच्छा है और अन्जाम भी अच्छा ही होगा।