पटवारी भर्ती के नाम पर 14 लाख की ठगी, हाईकोर्ट से मिली आरोपी को जमानत,

देवास। मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने धोखाधड़ी और षड्यंत्र से जुड़े मामले में आरोपी को जमानत दे दी है। यह आदेश माननीय न्यायमूर्ति सुभोध अभ्यंकर की बेंच ने 28 अगस्त 2025 को पारित किया। यह मामला देवास के औद्योगिक क्षेत्र थाने का है, जिसमें अभियोजन के अनुसार, आरोपियों ने शिकायतकर्ता से उसकी बेटी को पटवारी की सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर 14 लाख रुपये की रकम हांसिल की थी। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता वरुण मिश्रा ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए कहा कि उनके पक्षकार का पैसे के लेन-देन से कोई सीधा संबंध नहीं है और उसे केवल संदेह के आधार पर घसीटा गया, एवं एफआईआर में भी उनके पक्षकार का नाम सीधे तौर पर आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है। अधिवक्ता वरुण मिश्रा ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए यह भी कहा की उनके पक्षकार को मुकदमे में केवल साक्षी बनाया जा सकता है परन्तु आरोपी कदा भी नहीं बनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने ही शिकायतकर्ता की मुलाकात मुख्य आरोपी से कराई थी एवं वह प्रत्यक्ष रूप से अपराध में संलिप्त है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने आंरोपी की जमानत याचिका मंजूर कर ली और उसे 25,000 रूपए के निजी मुचलके तथा एक जमानतदार प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश दिया।













