देवास सीएसआर फंड का महिला बाल विकास विभाग ने कर दिया भ्रष्टाचार :- शिवसेना ने की कार्यवाही,
लाखों रुपए के भ्रष्टाचार की शिवसेना ने की शिकायत
आंगनवाडी कार्यकर्ता के अकाउंट में डलवाया था फंड, विभाग अधिकारी ने दबाव बना कर नगद निकलवाये, बाद में कर दी सेवा समाप्त
देवास। महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस मामले को दबाने के अथक प्रयास किए गए। लेकिन इस भ्रष्टाचार की सबूतों के साथ देवास कलेक्टर को शिकायत शिवसेना के जिला अध्यक्ष सुनील वर्मा ने दर्ज कराई। सीएसआर फंड के अंतर्गत महिला बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी ने देवास ग्रामीण महिला बाल विकास विभाग परियोजना अंतर्गत डबल चौकी सेक्टर चौबापिपलिया आंगनवाड़ी केंद्र पर आंगनवाड़ी के उन्नयन हेतु 1 लाख 72 हजार 172 रुपए की सीएसआर फंड राशि जारी की गई थी। जिसमें खुले आम बड़े भ्रष्टाचार का खेल हुआ है। इसकी कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता को सबूत के साथ लिखित में शिकायत करते हुए मांग की है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने खुद कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था की नहीं हुआ मेरी आंगनवाड़ी में कोई काम
पूर्व कार्यकर्ता मंजुला पटेल ने कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता को 2 जनवरी को सूचना के अधिकार अंतर्गत मांगी गई जानकारी के तहत जवाब में शिकायत आवेदन दिया है। जिसमें स्पष्ट रूप से बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझ पर दबाव बनाकर पैसे लिए, जिसकी मेरे द्वारा कलेक्टर महोदय को भी साल 2022 में शिकायत दर्ज करवा दी गई थी, आवेदन में बता था कि कि सेक्टर सुपरवाइजर शलेशा तोमर मैडम ने महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी रेलम बघेल, परियोजना अधिकारी को पैसे देने के दबाव बना कर सारे पैसे ले, सेक्टर सुपरवाइजर ने यह कहा कि सामग्री खरीद ली है जिसे पैसे चुकाने के नगद पैसे देदो में ने दे दिये, जिसकी मेरे द्वारा कलेक्टर साहब को रिकॉर्डिंग सहित शिकायत दर्ज करवा दी गई थी, लेकिन उस समय के कलेक्टर साहब ने जो भ्रष्ट दोषी अधिकार को जांच दे दी है, और उन्होंने मुझ पर झूठ प्रकरण बनाकर मेरी सेवा समाप्त कर दी जबकि दोषी अधिकारी सीडीपीओ, डीपीओ, और सेक्टर सुपरवाइजर थी इनके द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर कोई भी उन्नयन का कार्य नहीं करवाया गया और जो काम करवाया वह मैंने मेरे निजी पैसों से करवाया।
3 माह से आरटीआई में नहीं दे रहे जिला महिला बाल विकास विभाग व ग्रामीण परियोजना अधिकारी दस्तावेज व जानकारी
शिवसेना जिला अध्यक्ष सुनील वर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा लगता सीएसआर फंड के अंतर्गत जो विभाग द्वारा जारी की गई राशि के बिल और संबंधित अधिकारियों के द्वारा क्या उन्नयन का कार्य आंगनवाड़ी पर करवाया गया जिसकी जानकारी मांगने के लिए मैंने आईडिया लगाया था प्रथम आईटीआई मैंने महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष लगाया तो उन्होंने अपने अधीन जानकारी नहीं हो करके देवास ग्रामीण परियोजना को आईटीआई ट्रांसफर करते हैं परियोजना अधिकारी ने भी यह कह दिया कि यह जानकारी जिला कार्यालय से प्राप्त होगी हमारे पास उसकी जानकारी नहीं, इसके बाद प्रथम अपील आरटीआई के तहत जिला कार्यक्रम अधिकारी रेलम बघेल के पास लगाई गई प्रीलम बघेल ने 7 जनवरी को सुनवाई करने की तारीख देखी गई जिला अध्यक्ष सुनील वर्मा समय से पहुंच गए लेकिन खुद रेलवे बघेल ने इस विषय की सुनवाई नहीं की ढाई घंटे तक इंतजार करने के बाद भी मैडम कार्यालय पर नहीं आई इसके बाद सीएसआर फंड के अंतर्गत हुए गबन जिला कार्यक्रम अधिकारी की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आ रही है इसीलिए ना तो सुनवाई कर रहे हो ना इसका दस्तावेज दे रहे हैं,
श्री वर्मा इस मामले की गंभीरता को समझा शहर अध्यक्ष श्रावण सिंह बेस, जिला संयोजक कृष्णा पारखे, जिला महामंत्री लखन टिपानिया, युवासेना जिला अध्यक्ष नितिन वर्मा, जिला प्रवक्ता संजू भाटी ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच शिकायत दर्ज कराई।
सीएसआर फंड कलेक्टर के अधीन होता है अगर इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है तो एक गंभीर मामला है
बता दे की सीएसआर फंड कॉरपोरेट सेक्टर के माध्यम से दान के रूप में उपयोग में लिया जाता है जिससे कि स्कूल/स्वास्थ्य आंगनबाड़ी जैसे अनेकों कार्यों में पैसा लगाया जाता है, यह पैसा कलेक्टर के अधीन रहता है लेकिन संबंधित विभाग को जान करने के बाद विभाग की जिम्मेदारी हो जाती है महिला बाल विकास विभाग में सीएसआर फंड की मॉनिटरिंग खुद जिला कार्यक्रम अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो पूरी जिम्मेदारी भी जिला कार्यक्रम अधिकारी की बनती है इसकी जांच होना बहुत जरूरी है दान का पैसा गबन होना दानदाताओं का विश्वास उठने जैसा है।