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देवास के प्राचीन बिलावली मंदिर की अनदेखी से ग्रामवासियों में रोष, देवस्थान प्रबंध समिति पर लापरवाही का आरोप

देवास। भगवान शिव के पवित्र श्रावण मास में पुरे माह, महाशिवरात्रि और वर्षभर को हजारों की संख्या में भक्तजन बिलावली दर्शन हेतु पहुंचते है। ऐसे में अत्यंत प्राचीन महाकालेश्वर शिव मंदिर की दयनीय दशा को देखते हुए महाकाल सेवा समिति व ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन देते हुए भव्य निर्माण की गुहार शासन-प्रशासन से लगाई है। 
     ग्रामवासियों का कहना है कि मंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि व पुरे सावन माह में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर की दशा दयनीय होती जा रही है। ग्रामवासियों ने बताया कि विगत चार वर्षों पूर्व इस मंदिर को शासन द्वारा शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति के अंतर्गत लिया गया था। लेकिन तब से लेकर आज तक मंदिर परिसर में कोई भी निर्माण या विकास कार्य नहीं किया गया है। यहां तक कि मंदिर का प्रवेश द्वार भी जर्जर स्थिति में है, जिसे आज तक सुधारा नहीं गया। एनएच 52 के निर्माण के दौरान मंदिर की भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसके एवज में केन्द्र शासन ने राजस्व विभाग को लगभग 64 लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान की थी। इसके अलावा मंदिर में हर वर्ष लाखों रुपये का दान भी प्राप्त होता है, फिर भी किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया है। ग्रामवासियों की मांग है कि या तो शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति द्वारा शीघ्र मंदिर का भव्य निर्माण कराया जाए, अन्यथा मंदिर को समिति के अधिकार क्षेत्र से बाहर किया जाए ताकि ग्रामवासी स्वयं मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य कर सकें। श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर का भव्य निर्माण सुनिश्चित करे। इस दौरान अभिषेक गहलोत, राकेश बालोदिया, निलेश नागर, चिंटू मकवाना, पप्पू पटेल, सचिन नागर, मधु मकवाना, दिलीप परिहार दिलीप चंदेल उद्धव नकुम अनिल पांचाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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