देवास अवैध छटनी को लेकर गजरा गियर्स देवास के श्रमिकों की बैठक सम्पन्न,
देवास। भारतीय मजदूर संघ एवं इंटक के श्रमिकों संयुक्त बैठक विजयनगर स्थित अनुकूल नगर में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रमुख रूप से गजरा गियर्स के श्रमिक विरोधी नीति के विरोध में विचार विमर्श किया गया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के सह विभाग प्रमुख राजू लोधी ने की। बैठक में श्रमिकों ने गजरा मैनेजमेंट की श्रमिक विरोधी नीति पर आक्रोश व्यक्त करते हुए श्रम विभाग एवं मप्र शासन से निवेदन किया कि गजरा गियर्स की बोनस की समस्या एवं त्रैवार्षिक समझौते की समस्या का निराकरण अविलम्ब किया जाए अन्यथा श्रमिकों को आंदोलन के मार्ग पर बाध्य होना पडेगा। जिस पर भामसं के वरिष्ठ नेता जनार्धन पैठनकर, रामभान सिंह, सहविभाग प्रमुख राजू लोधी, इंजी. श्रमिक संघ महामंत्री महेन्द्र सिंह परिहार एवं इंटक महामंत्री लाखन सिंह ठाकुर ने बैठक को संबोंधित करते हुए कहा कि श्रमिक भाई मैनेजमेंट से पहले ही धोखा खा चुके है और भविष्य मेें धोखाधडी से बचने के लिए उद्योग में शांति बनाए रखे। भामसं आपके बोनस का अधिकार आपको दिलाकर रहेगा। इस संबंध में प्रदेश सरकार से भी चर्चा हो चुकी है। ऐसी स्थिति में आप शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से मैनेजमेंट का विरोध करते हुए संघर्ष का मार्ग प्रशस्त करे। बैठक में श्रमिकों ने सरकार से आग्रह किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के माध्यम से दिया गया बोनस के निर्णय तथा दो वर्ष से मैनेजमेंट द्वारा नही दी जा रही बोनस की राशि उसके विरूद्ध में शीघ्र ही संयुक्त मोर्चा आंदोलनात्मक कार्यवाही करेगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी गजरा मैनेजमेंट एवं जिला प्रशासन की होगी। बैठक में श्रमिकों ने संयुक्त मोचा्र का समर्थन करते हुए गजरा गियर्स मैनेजमेंट के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करते हुए मोर्चे के नेताओं को आश्वस्थ किया कि आपके हर संघर्ष में गजरा गियर्स का प्रत्येक मजदूर संघर्ष के लिए तत्पर है। एसी स्थिति में संयुक्त मोर्चे ने निर्णय लिया कि 15 जनवरी को श्रमिक समस्या पर श्रम विभाग देवास में होने वाली बैठक में श्रमिक समस्या का समाधान नही हुआ तो औद्योगिक क्षेत्र देवास में वृहद रूप में श्रमिक आंदोलन किया जाएगा। बैठम में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष रामेश्वर धाकड, उपाध्यक्ष दिलीप सोनी, सहमंत्री चंद्रशेखर बघेल, प्रवीण मिश्रा, इंटक के शंकर चौधरी, मुनेश नामदेव, विपिन दीवान, राजेन्द्रपुरी आदि सैकडो कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर गजरा गियर्स की श्रमिक विरोध नीति का विरोध करते हुए संयुक्त आंदोलन का समर्थन किया।