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अमरनाथ यात्रा LIVE : अमरनाथ जाते समय शिवजी सांप को भी नहीं ले गए साथ, 5 चीजें का किया त्याग, यात्रा में कहां कहां मिलेंगी ये चीजें जाने 👇

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और इस यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना किया जा चुका है. अमरनाथ यात्रा के दौरान भगवान शिव ने अमरत्व का रहस्य माता पार्वती को सुनाने से पहले कई प्रतीकात्मक और शक्तिशाली वस्तुएं अलग-अलग स्थानों पर त्याग दी थीं. मान्यता है कि इन स्थलों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है. आइए जानते हैं शिवजी ने किन-किन चीजों को कहां छोड़ा…

अमरनाथ जाते समय भगवान शिव ने सबसे पहले नंदी का त्याग किया था. नंदी भगवान शिव का वाहन है. जब शिव-पार्वती अमरनाथ गुफा की ओर प्रस्थान करते हैं, तो उन्होंने पहलगाम में नंदी को छोड़ दिया था. इसी वजह से कश्मीर में स्थिति इस जगह का नाम पहलगाम पड़ा.

थोड़ी दूर चलने के बाद भगवान शिव ने चंद्रमा का त्याग कर दिया था. मस्तक पर सुशोभित चंद्रमा को शिवजी ने जहां छोड़ा, वह जगह चंदनवाड़ी के नाम से जानी जाती है. दरअसल चंद्रमा मन और भावना का प्रतीक है. इसका त्याग अमर ज्ञान के लिए मानसिक शांति आवश्यक होने को दर्शाता है.

चंद्रमा के बाद भगवान शिव ने गले में लिपटे नागराज वासुकी का त्याग किया था. जहां शिवजी ने नागराज का त्याग किया था, उस जगह को शेषनाग कहकर बुलाया गया. नागराज का त्याग करने से शिवजी ने कुंडलिनी शक्ति को शांत कर दिया, जिससे अमर ज्ञान की निर्बाध धारा प्रवाहित हो सके.

भगवान शिव और माता पार्वती चलते चलते गुफा के पास पहुंचने लगे तो शिवजी ने अंत में अपनी जटाओं से गंगाजी को मुक्त किया. शिवजी ने जहां गंगाजी को मुक्त किया, उस जगह को पंचतरणी नाम दिया गया. पंचतरणी का अर्थ है पांच नदियां. पंच नदियां पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) की प्रतीक हैं. इनका त्याग सांसारिक तत्वों से विरक्ति का संकेत है.

कुछ कथाओं में जिक्र मिलता है कि शिवजी ने भगवान गणेश को महागुण पर्वत पर छोड़ दिया था और उनको जिम्मेदारी दी गई थी कि कोई भी कथा के बीच में गुफा में प्रवेश ना कर सके. आज भी आप जब अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं, तब इन स्थानों के दर्शन होते हैं, जिससे आत्मा तृप्त हो जाती है और हर जगह बम बम भोले सुनने को मिलता है.

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